(१) यदि काटवाला समतल आधार के समांतर है तो काट वृत्त है, (२) यदि समतल आधार से थोड़ा झुका है, अर्थात अक्ष से अर्धशीर्ष कोण की अपेक्षा बड़ा कोण बनता है, तो काट दीर्घवृत्त हैं, (३) यदि समतल किसी जनक रेखा के समांतर है तो काट परवलय है और (४) यदि समतल अक्ष से अर्धशीर्ष कोण की अपेक्षा छोटा कोण बनाता है तो काट अपरिवलय की एक शाखा है (द्विशंकु अर्थात पूर्ण शंकु लेने पर दोनों शाखाएँ मिल जाती हैं)।